Bhajan
Mera Man Panchhi
Hemant Brijwasi
-Download Link-
-Lyrics-
मेरा मन पंछी ये चाहे
उड वृन्दावन जाऊँ
बृज की इन पावन गलियो में
राधे राधे गाउँ......
.
मेरा मन पंछी ये चाहे
उड वृन्दावन जाऊँ
बृज की इन पावन गलियो में
राधे राधे गाउँ......
मैं राधे राधे गाऊँ
मैं श्यामा श्यामा गाऊँ
मोर मुकुट पीताम्बर सोहे गल वैजंती माला
ठोड़ी पर मेरे ठाकुर के हीरा दमके आला
बांके बिहारी गिरधारी कोई कहे नन्द को लाला
याही छवी पे बलिहारी सब बृज के गोपी ग्वाला
युगल चरण छवि निरख निरख निज जीवन सफल बनाऊँ
बृज की इन पावन गलियों में राधे राधे गाऊँ....
मैं राधे राधे गाऊँ
मैं श्यामा श्यामा गाऊँ...........
सेवा कुंज निधिवन में आवे नित्य ही रासबिहारी
रास रचावे राधे के संग गल-गलबहियां डारी
राधारमण रमणरेती वंशीवट की छवि न्यारी
कुंज कुंज में संत विराजे होये राधे धुन प्यारी...........
यमुना स्नान करू और यम की त्रास मिटाऊँ
बृज की इन पावन गलियो में राधे राधे गाऊँ.............
मैं राधे राधे गाऊँ
मैं श्यामा श्यामा गाऊँ.......
Download lyrics &pdf
डाल डाल और पात पात श्री राधे नाम पुकारे
काली मर्दन रंगनाथ ध्रुवटीला ने ध्रुव तारे
सूरदास हरिदास भक्त मीरा के बज़े तारें
जो दर्शन एक बार करे वो अपने भाग्य सवारे........
गोपेश्वर पग परस भगवती मैं गोपी बन जाऊँ
ब्रज की इन पावन गलियों में राधे राधे गाऊं........
मैं राधे राधे गाउँ
टिप्पणी पोस्ट करें