:Shyam Di Kamali:
-:Manoj Sharma:-
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Kamali Shyam Di Kamali.
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LYRICS
सुध बुध मेरी खोई
रूप सलोना देख श्याम का
सुध बुध मेरी खोई
रूप सलोना देख श्याम का
सुध बुध मेरी खोई
नी मैं कमली होई
नी मैं कमली होई
मैं कमली श्याम दी कमली
मैं कमली श्याम दी कमली
मैं कमली श्याम दी कमली
मैं कमली श्याम दी कमली
सखी पनघट पे यमुना के तट पे
ले कर पहुँची मटकी
सखी पनघट पे यमुना के तट पे
ले कर पहुँची मटकी
भूल गयी सब एक बार
जब छवि देखी नटखट की
देखत ही मैं हुई बावरी
कृष्ण प्यारे कान्हा प्यारे
देखत ही मैं हुई बावरी
उसी रूप में खोई
नी मैं कमली होई
नी मैं कमली होई
कदम्ब के नीचे अंखिया मीचे
खड़ा था नन्द का लाला
कदम्ब के नीचे अंखिया मीचे
खड़ा था नन्द का लाला
मुख पे हंसी हाथ में बंसी
मोर मुकुट गल माला
मुख पे हंसी हाथ में बंसी
मोर मुकुट गल माला
तान सुरीली मधुर नशीली
कृष्ण प्यारे कान्हा प्यारे
तान सुरीली मधुर नशीली
तन मन दियो भिगोई
नी मैं कमली होइ
नी मैं कमली होई
सास ननद मोहे पल पल कोसे
हर कोई देवे ताने
सास ननद मोहे पल पल कोसे
हर कोई देवे ताने
बीत क्या मुझ बिरहन पर
ये कोई ना जाने
बीत क्या मुझ बिरहन पर
ये कोई ना जाने
पूछे सब निर्दोष बावरी
कृष्ण प्यारे कान्हा प्यारे
पूछे सब निर्दोष बावरी
तट पे तू काहे गयी
पूछे सब निर्दोष बावरी
तट पे तू काहे गयी
नी मैं कमली होई
नी मैं कमली होई
रूप सलोना देख श्याम का
सुध बुध मेरी खोई
रूप सलोना देख श्याम का
सुध बुध मेरी खोई
रूप सलोना देख श्याम का
सुध बुध मेरी खोई
नी मैं कमली होई
नी मैं कमली होई
मैं कमली श्याम दी कमली
मैं कमली श्याम दी कमली
मैं कमली श्याम दी कमली
मैं कमली श्याम दी कमली
सिर मोर मुकुट कानन कुण्डल
सखी पीताम्बर वनमाल पड़े है
पग नुपुर कटि काछनी काछे
कर में प्यारी मुरली धरे है
बिंदु अधर मतवारे नैना
मंद मंद मुस्कान धरे है
बांके की इस बाँकी छवि पर
एक नहीं यहाँ लाखो मरे है
कमली श्याम दी कमली
कमली श्याम दी कमली
सिर मोर मुकुट कानन कुंडल
सखी कांधे श्याम धरी कमली
ज़िमे कमल पे शोभित है भंवरा
ज़िमे श्याम पे शोभित है कमली
कमलो के हार पड़े गले में
कृष्ण प्यारे कान्हा प्यारे
कमलो के हार पड़े गले में
सखी देखत ही भयी कमली
कमली वाले कमलाइ
मने लोग कहें कमली कमली
कमली श्याम दी कमली
क्या रंगी जमाल चेहरा
आँखों को भा गया है
आँखों के रास्ते वो
दिल में समा गया है
पेड़ कदम्ब की छयां ठाडो
यशोमति की नैनन को तारो
एक एक ब्रिज की रमणी ने
या पर तन मन धन सब वारो
नी मैं कमली होइ
मैं कमली होइ
रूप सलोना देख श्याम का
सुध बुध मेरी खोई
रूप सलोना देख श्याम का
सुध बुध मेरी खोई
रूप सलोना देख श्याम का
सुध बुध मेरी खोई
नी मैं कमली होई
नी मैं कमली होई
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रूप सलोना देख श्याम कासुध बुध मेरी खोई
रूप सलोना देख श्याम का
सुध बुध मेरी खोई
रूप सलोना देख श्याम का
सुध बुध मेरी खोई
नी मैं कमली होई
नी मैं कमली होई
मैं कमली श्याम दी कमली
मैं कमली श्याम दी कमली
मैं कमली श्याम दी कमली
मैं कमली श्याम दी कमली
सखी पनघट पे यमुना के तट पे
ले कर पहुँची मटकी
सखी पनघट पे यमुना के तट पे
ले कर पहुँची मटकी
भूल गयी सब एक बार
जब छवि देखी नटखट की
देखत ही मैं हुई बावरी
कृष्ण प्यारे कान्हा प्यारे
देखत ही मैं हुई बावरी
उसी रूप में खोई
नी मैं कमली होई
नी मैं कमली होई
कदम्ब के नीचे अंखिया मीचे
खड़ा था नन्द का लाला
कदम्ब के नीचे अंखिया मीचे
खड़ा था नन्द का लाला
मुख पे हंसी हाथ में बंसी
मोर मुकुट गल माला
मुख पे हंसी हाथ में बंसी
मोर मुकुट गल माला
तान सुरीली मधुर नशीली
कृष्ण प्यारे कान्हा प्यारे
तान सुरीली मधुर नशीली
तन मन दियो भिगोई
नी मैं कमली होइ
नी मैं कमली होई
सास ननद मोहे पल पल कोसे
हर कोई देवे ताने
सास ननद मोहे पल पल कोसे
हर कोई देवे ताने
बीत क्या मुझ बिरहन पर
ये कोई ना जाने
बीत क्या मुझ बिरहन पर
ये कोई ना जाने
पूछे सब निर्दोष बावरी
कृष्ण प्यारे कान्हा प्यारे
पूछे सब निर्दोष बावरी
तट पे तू काहे गयी
पूछे सब निर्दोष बावरी
तट पे तू काहे गयी
नी मैं कमली होई
नी मैं कमली होई
रूप सलोना देख श्याम का
सुध बुध मेरी खोई
रूप सलोना देख श्याम का
सुध बुध मेरी खोई
रूप सलोना देख श्याम का
सुध बुध मेरी खोई
नी मैं कमली होई
नी मैं कमली होई
मैं कमली श्याम दी कमली
मैं कमली श्याम दी कमली
मैं कमली श्याम दी कमली
मैं कमली श्याम दी कमली
सिर मोर मुकुट कानन कुण्डल
सखी पीताम्बर वनमाल पड़े है
पग नुपुर कटि काछनी काछे
कर में प्यारी मुरली धरे है
बिंदु अधर मतवारे नैना
मंद मंद मुस्कान धरे है
बांके की इस बाँकी छवि पर
एक नहीं यहाँ लाखो मरे है
कमली श्याम दी कमली
कमली श्याम दी कमली
सिर मोर मुकुट कानन कुंडल
सखी कांधे श्याम धरी कमली
ज़िमे कमल पे शोभित है भंवरा
ज़िमे श्याम पे शोभित है कमली
कमलो के हार पड़े गले में
कृष्ण प्यारे कान्हा प्यारे
कमलो के हार पड़े गले में
सखी देखत ही भयी कमली
कमली वाले कमलाइ
मने लोग कहें कमली कमली
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कमली श्याम दी कमलीकमली श्याम दी कमली
क्या रंगी जमाल चेहरा
आँखों को भा गया है
आँखों के रास्ते वो
दिल में समा गया है
पेड़ कदम्ब की छयां ठाडो
यशोमति की नैनन को तारो
एक एक ब्रिज की रमणी ने
या पर तन मन धन सब वारो
नी मैं कमली होइ
मैं कमली होइ
रूप सलोना देख श्याम का
सुध बुध मेरी खोई
रूप सलोना देख श्याम का
सुध बुध मेरी खोई
रूप सलोना देख श्याम का
सुध बुध मेरी खोई
नी मैं कमली होई
नी मैं कमली होई
Nice bhajan
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