Shrimad Bhagwat Katha : Shri Devkinandan Thakur Ji Maharaj
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Album - Shrimad Bhagwat Katha
Tags - Katha
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श्री भागवत भगवान की है आरती,
पापियों को पाप से है तारती।
पापियों को पाप से है तारती।
ये अमर ग्रन्थ ये मुक्ति पन्थ,
ये पंचम वेद निराला,
नव ज्योति जलाने वाला।
हरि नाम यही हरि धाम यही,
यही जग मंगल की आरती
पापियों को पाप से है तारती॥
श्री भागवत भगवान की है आरती
ये पंचम वेद निराला,
नव ज्योति जलाने वाला।
हरि नाम यही हरि धाम यही,
यही जग मंगल की आरती
पापियों को पाप से है तारती॥
श्री भागवत भगवान की है आरती
● Day 1 Bhagwat Katha
● Day 2 Bhagwat Katha
ये शान्ति गीत पावन पुनीत
पापों को मिटाने वाला
हरि दरश दिखाने वाला।
यह सुख करनी, यह दुःख हरिनी
श्री मधुसूदन की आरती
पापियों को पाप से है तारती
श्री भागवत भगवान की है आरती
● Day 3 Bhagwat Katha
● Day 4 Bhagwat Katha
● Day 5 Bhagwat Katha
ये मधुर बोल, जग फन्द खोल,
सन्मार्ग दिखाने वाला
बिगड़ी को बनानेवाला
श्री राम यही, घनश्याम यही
यही प्रभु की महिमा की आरती
पापियों को पाप से है तारती॥
श्री भागवत भगवान की है आरती
श्री भागवत भगवान की है आरती
पापियों को पाप से है तारती
● Day 6 Bhagwat Katha
● Day 7 Bhagwat Katha
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