आपको पता है कि , युधिष्ठिर के पीछे पीछे एक कुत्ता हस्तिनापुर से चल कर गया था "वो कुत्ता नहीं था वह साक्षात भगवान् धर्म थे जो परिक्षा के लिए युधिष्ठिर के पीछे पीछे चल रहे थे।" द्रौपदी, भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव एक एक कर के सभी का शरीर छूट गया और युधिष्ठिर सशरीर देवलोक के निकट तक पहुँच गए। देवराज इंद्र स्वयं रथ ले कर उपस्थित हुए और कहा "आप बैठिये इसमें " , युधिष्ठिर बोले ये कुत्ता हमारे पीछे पीछे आ रहा है इसे बिठाओ पहले।
वहां इंद्र ने कुत्ते के संबंध में जो विचार दिए है वो हम आपको बता रहे है
इंद्र ने कहा धर्मराज आप तो महान धर्मनिष्ठ हैं, आप कुत्ते को साथ ले जाने की बात कहते हैं क्यों ? युधिष्ठिर ने कहा "ये मेरा अनुगत है " (इसका अर्थ ये नहीं है कि वो पालतू कुत्ता था।) ये मेरे पीछे पीछे चल कर आ रहा है इस अवस्था में मैं इसे कैसे छोडूं ?
तब देवराज इंद्र ने कहा " कुत्ता पालने वालों के लिए कुत्ते का स्पर्श करने वालों के लिए स्वर्ग के द्वार सदा सर्वदा के लिए बंद है। कुत्ते का स्पर्श करने वाले लोगों के पुण्य क्रोधवश नामक राक्षस हर लेते हैं।
जो अपने घर में कुत्ता पालता उसका यज्ञ कराना व्यर्थ हो जाता है , दान कराना व्यर्थ हो जाता है , गरीबों को भोजन कराना व्यर्थ हो जाता है , कुआँ बावड़ी सरोवर वृक्ष लगाना व्यर्थ हो जाता है , उसको अपने किये गए किसी भी शुभकर्म का स्वर्ग में कोई भी फल नहीं मिलता। कुत्ता पालने के कारण ये सब नष्ट हो जाता है।
आगे इंद्र कह रहे हैं , जिसके घर में कुत्ता रहता है वहां देवताओं का आह्वान किये जाने पर भी देवता उपस्थित हो कर पूजा ग्रहण नहीं करते, पितृ भी श्राद्ध ग्रहण नहीं करते तर्पण स्वीकार नहीं करते और ऋषि पूजन स्वीकार नहीं करते।
विस्तृत ज्ञान के लिए छह खंड वाला महाभारत जो गीताप्रेस गोरखपुर से प्रकाशित है उसमें स्वर्गारोहण पर्व का अध्ययन करें।
कुत्ता पालने वाला पशु नहीं है। कुत्ते पर दया करनी चाहिए कृपा करने चाहिए , बाहर टुकड़ा डालना चाहिए(शास्त्र में लिखा है पहली रोटी गाय की आखिरी रोटी कुत्ते की ) लेकिन घर में कुत्ता रखना नहीं चाहिए।
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एक कहावत है पुरानी कुत्ता पाले सो कुत्ता और कुत्ता मारे सो कुत्ता कुत्ता को पालने वाला भी अगले जन्म में कुत्ता बनता है क्यों ? क्यों कि कुत्ता को गोद में खिलाओगे तो मरते समय मोहवश कुत्ते का ही ध्यान करोगे तो अगले जन्म में कुत्ता ही बनना पड़ेगा , और यदि कुत्ता को मरोगे तो भी अगले जन्म में कुत्ता बन कर पिटोगे , इसलिए ना कुत्ते को मारो न ही उसे पालो। आखिरी रोटी पर उसका अधिकार है वो उसे दो , लेकिन उसे पालना उसे छूना ये शास्त्र में निषिद्ध है।
इसलिए कुत्ता पालन ना करें, गौ पालन करें। जिस घर में गाय बंधती है वो घर तीर्थ हो जाता है।
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