श्री राधारानी के माता पिता, दादा दादी, भाई बहन, नाना नानी, मामा मामी व अन्य स्वजनों का परिचय
श्री किशोरी जी भगवान् कृष्ण की आह्लादनी शक्ति हैं। आह्लाद का अर्थ हैं आनंद। किशोरी जी श्री ठाकुर जी को आनंद प्रदान करने के लिए श्री ठाकुर जी से ही उत्पन्न हुई हैं। श्री किशोरी जी के माता पिता के बारे में तो अधिकाशंतः सनातनियों को ज्ञात ही है। लेकिन क्या आपने कभी इस पर विचार किया है कि श्री राधा जी के भाई बहन बुआ फूफा व पितामह, मातामह इत्यादि कौन थे। अगर नहीं तो इस लेख में हम श्री किशोरी जू के अन्य प्रिय स्वजनों की चर्चा करेंगे।श्री राधा परिकर परिचय
पितामह - ठकुरानी जी के पितामह श्री महीभानु जी हैं।
पितामही - श्री राधा जी की दादी श्रीमती सुखदा जी हैं। (अन्यत्र सुलेखा नाम का उल्लेख मिलता है)
पिता - किशोरी के पिता श्री वृषभानु महाराज हैं।
माता - किशोरी जू की माता श्री कीर्तिदा जी हैं।
पितृव्य(चाचा) - किशोरी जू के पितृव्य श्री भानु, श्री रत्नभानु एवं श्री सुभानु जी हैं।
कनिष्ठा भगिनी - राधा जू की छोटी बहन अनङ्गमञ्जरी जी। (अनंगमंजरी) जी हैं।
भ्राता - राधा जी के भ्राता श्री श्रीदामा जी हैं।
बुआ - भानुमुद्रा जी किशोरी जी की बुआ हैं।
फूफा - श्री काश जी किशोरी के फूफा हैं।
मातामह - महारानी जी नाना जी श्री इंदु जी हैं।
मातामही - नानी जी श्री मुखरा जी हैं।
मामा - श्री राधा जी के मामा श्री भद्रकीर्ति, महाकीर्ति एवं चन्द्रकीर्ति जी हैं।
मामी - किशोरी जी की मामी श्री मेनका, षष्ठी और गौरी जी है।
मौसा - राधारानी जी के मौसा जी श्री कुश जी हैं।
मौसी - किशोरी जी मौसी जी कीर्तिमती जी हैं।
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