अहोई अष्टमी व्रत-पूजा विधि
अहोई का शाब्दिक अर्थ है -अनहोनी को होनी में बदलना। अतः इस दिन स्त्रियां निर्जल व्रत रख कर अपनी संतान की सुरक्षा कामना करती हैं। होनी तो हो कर ही रहती है उसे कोई टाल नहीं सकता, अनहोनी को होनी में बदलने का अभिप्राय है कि पूजा-पाठ व्रत उपवास की शक्ति से होनी से जुडी अशुभता को समाप्त किया जा सकता है या फिर अशुभता में कमी लाई जा सकती है। इसलिए संतान की कामना और संतान के जीवन में होने वाली किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचने की प्रार्थना अहोई अष्टमी के दिन की जाती है।
कार्तिक मास में करवा चौथ के ठीक चार दिन बाद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को संतान की लम्बी आयु और उनके जीवन में आने वाली सभी विघ्न बाधाओं को दूर करने के लिए देवी अहोई का व्रत रखा जाता है। जिसे अहोई अष्टमी व्रत के नाम से जाना जाता है।
पूजन विधि विधान-
व्रत का प्रारम्भ प्रातः से ही स्नान और संकल्प से होता है। कलश के साथ करवा चौथ में प्रयुक्त किये हुए करवे में ही जल भर लिया जाता है। गोबर से या चित्रांकन के द्वारा कपडे पर आठ कोष्ठक की एक पुतली बनाई जाती है। पुतली के पास ही स्याऊ माता और उसके बच्चों की आकृतियां और सांयकाल या प्रदोष काल में उनकी पूजा की जाती है। उनके सामने चावल, मूली और सिंघाड़े या कोई और फल रखते हैं। और जलते दिए के सामने कहानी कही जाती है। कहानी कहते समय जो चावल हाथ में लिए जाते हैं उन्हें किसी साड़ी/सूट के दुपट्टे में बांध लेते हैं। सांयकाल में माता की पूजा के उपरांत अपने परंपरागत तरीके से फल, फूल, मिठाई और पकवान का भोग लगा कर विधिवत रूप से करने के उपरांत आकाश में तारे दिखने पर तारों को करवे से अर्घ्य देने के बाद व्रत का समापन होता है। करवे के जल को दीपावली के दिन घर में छिड़का जाता है जिस से घर में सुख समृद्धि का निवास होता है।
सौभाग्य प्राप्ति के अतिविशेष उपाय
अहोई अष्टमी के दिन महिलाएं अगर अपनी राशि के अनुसार उपाय करती शुभ फल में वृद्धि होती है। इसलिए अहोई अष्टमी पर अपनी राशि के के अनुसार दिए गए निम्न उपाय करें।
मेष राशि - मेष राशि की महिलाऐं माँ पार्वती पर सिंदूर चढ़ाएं।
वृष राशि - वृष राशि की महिलाओं को शिव-पार्वती को सफ़ेद चंदन अर्पित करना चाहिए।
मिथुन राशि - इस राशि की महिलाओं को माँ पार्वती को द्रव्य-दक्षिण अर्पित करनी चाहिए।
कर्क राशि - कर्क राशि की महिलाऐं फल का भोग अहोई के समक्ष लगाएं।
सिंह राशि - सिंह राशि की महिलाऐं शिव मन्त्र का जाप 108 बार करें।
कन्या राशि - कन्या राशि वालों को माँ पार्वती को सफ़ेद पुष्पों की माला अर्पित करनी चाहिए।
तुला राशि - तुला राशि की महिलाओं को माता पार्वती श्रंगार करना चाहिए।
वृश्चिक राशि - इस राशि की महिलओं को अन्य महिलाओं को अहोई व्रत कथा सुनानी चाहिए।
धनु राशि - धनु राशि की महिलाओं को "ॐ नमः शिवाय" का जाप करना चाहिए।
मकर राशि - मकर राशि वालों को माता पार्वती को घर के बने हुए पकवानों का भोग लगाएं।
कुम्भ राशि - कुम्भ राशि की महिलाऐं माता को आलता/माहवर अर्पित करें।
मीन राशि - मीन राशि की महिलाऐं माता को सिंदूर लगा कर अपनी मांग भरें।
टिप्पणी पोस्ट करें